शोध संगम: प्रकाशन नैतिकता नीति
शोध संगम में शोध-पत्रों के प्रकाशन के दौरान नैतिकता के उच्च मानकों का पालन किया जाता है। इसका उद्देश्य शोध की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करना है। इस नीति में लेखक, समीक्षक और संपादकीय टीम की जिम्मेदारियों का स्पष्ट विवरण होता है ताकि निष्पक्षता, पारदर्शिता और सटीकता बनी रहे। शोध संगम के इस प्रकाशन नैतिकता ढांचे में सभी योगदानकर्ताओं को शोध के प्रति उत्तरदायित्वपूर्ण और ईमानदार व्यवहार का पालन करना होता है। यह नीति शोध की नैतिकता और उत्कृष्टता के प्रति शोध संगम की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
लेखक की जिम्मेदारियाँ
1. मौलिकता और साहित्यिक चोरी:
• लेखकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रस्तुत किया गया शोध-पत्र मौलिक हो। किसी भी प्रकार की साहित्यिक चोरी स्वीकार्य नहीं है, जिसमें आत्म-साहित्यिक चोरी भी शामिल है। यदि लेख में किसी भी प्रकार की पूर्व प्रकाशित सामग्री का उपयोग हुआ है, तो उसे उचित श्रेय देना अनिवार्य है।
2. सही सह-लेखक का उल्लेख:
• केवल वही व्यक्ति सह-लेखक के रूप में नामित होने चाहिए जिन्होंने शोध में वास्तविक योगदान दिया है। सह-लेखकों का नाम गलत तरीके से जोड़ना या हटाना शोध के मानकों के विरुद्ध है। इसके अलावा, सभी सह-लेखकों को लेख की अंतिम पांडुलिपि को स्वीकृति देनी होती है।
3. हितों का टकराव:
• लेखकों को किसी भी प्रकार के वित्तीय, व्यक्तिगत, या पेशेवर हितों का खुलासा करना चाहिए जो शोध के निष्कर्षों को प्रभावित कर सकते हैं। यह पारदर्शिता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
4. त्रुटियों का सुधार:
• यदि लेख प्रकाशित होने के बाद किसी त्रुटि का पता चलता है, तो लेखक जिम्मेदारी लेते हुए संपादकीय टीम को सूचित करें और त्रुटि को ठीक करने के लिए उचित कदम उठाएँ।
समीक्षकों की जिम्मेदारियाँ
1. निष्पक्षता और गोपनीयता:
• समीक्षकों को निष्पक्षता के साथ समीक्षा करनी होती है और लेख की गोपनीयता बनाए रखनी होती है। उन्हें लेख से जुड़ी जानकारी का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए और लेख को निजी लाभ के लिए साझा नहीं करना चाहिए।
2. संरचनात्मक प्रतिक्रिया:
• समीक्षकों को शोध की गुणवत्ता, मौलिकता और शोध पद्धति के आधार पर सुझाव देने चाहिए। उनकी प्रतिक्रिया का उद्देश्य लेख की गुणवत्ता में सुधार लाना होना चाहिए, न कि व्यक्तिगत आलोचना।
3. संभावित हितों का टकराव:
• यदि समीक्षक को किसी प्रकार का टकराव महसूस होता है, तो उसे संपादकीय टीम को सूचित करना चाहिए। समीक्षकों को निष्पक्ष बने रहना आवश्यक है।
संपादकीय टीम की जिम्मेदारियाँ
1. प्रारंभिक जांच:
• संपादकीय टीम प्रारंभिक चरण में यह सुनिश्चित करती है कि लेख सभी दिशानिर्देशों का पालन कर रहा हो। साहित्यिक चोरी, प्रासंगिकता और मानदंडों की जाँच करना संपादकीय टीम की जिम्मेदारी है।
2. प्रकाशन निर्णय:
• संपादक लेख के विषय, प्रासंगिकता और समीक्षकों की टिप्पणियों के आधार पर प्रकाशन का निर्णय लेते हैं। यह निर्णय निष्पक्षता और गुणवत्ता मानकों पर आधारित होना चाहिए।
3. नैतिक मुद्दों का समाधान:
• संपादकीय टीम साहित्यिक चोरी, पूर्वाग्रह, और हितों के टकराव जैसे नैतिक मुद्दों को संभालने के लिए जवाबदेह है। किसी भी विवादास्पद स्थिति में, संपादकीय टीम द्वारा उचित कार्रवाई की जाती है।
शोध संगम में नैतिकता नीति का महत्व
शोध संगम की प्रकाशन नैतिकता नीति शोध की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को बनाए रखने का एक आवश्यक तत्व है। यह नीति सभी सहयोगियों के बीच पारदर्शिता, निष्पक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित करती है। इसके माध्यम से शोध संगम का उद्देश्य शोध के उच्च मानकों को बनाए रखना और एक विश्वसनीय मंच प्रदान करना है।
इस नीति के पालन से शोध संगम में प्रकाशित सभी शोध-पत्र न केवल पाठकों में विश्वास पैदा करते हैं, बल्कि शोध के मानकों में भी योगदान देते हैं। नैतिकता के उच्च मानकों का पालन करना शोध संगम की प्रतिबद्धता है, और यह नीति उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है।