शोध संगम: साहित्यिक चोरी नीति
शोध संगम में प्रस्तुत सभी पांडुलिपियों को उच्च मानक और मौलिकता बनाए रखने के लिए एक कठोर साहित्यिक चोरी (Plagiarism) नीति का पालन करना आवश्यक है। इस नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी शोध-पत्र मौलिक हों और उनमें अन्य स्रोतों से सामग्री का अनुचित तरीके से उपयोग न किया गया हो।
साहित्यिक चोरी नीति के मुख्य बिंदु:
1. साहित्यिक चोरी का प्रकार:
• शोध संगम में किसी भी प्रकार की साहित्यिक चोरी को अस्वीकार्य माना जाता है। इसमें बिना उचित श्रेय दिए अन्य शोध-पत्रों, पुस्तकों, और डिजिटल सामग्री से वाक्यांशों, आंकड़ों, ग्राफ़, और चार्ट्स का उपयोग शामिल है। इसमें आत्म-साहित्यिक चोरी (Self-Plagiarism) भी शामिल है, जिसमें लेखक अपने पहले प्रकाशित काम का पुनः उपयोग करते हैं बिना सही संदर्भ के ।
2. साहित्यिक चोरी का परीक्षण:
• सभी शोध-पत्रों को प्रकाशन के पहले एक स्वचालित साहित्यिक चोरी जांच उपकरण (जैसे iThenticate) से जांचा जाता है। किसी भी लेख में साहित्यिक चोरी पाए जाने पर उसे तुरंत अस्वीकार कर दिया जाता है। हमारी टीम साहित्यिक चोरी जांच के दौरान समानता प्रतिशत और संदर्भों की प्रामाणिकता का भी ध्यान रखती है ।
3. उचित श्रेय और अनुमति:
• लेखकों को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि सभी उद्धरण और संदर्भित सामग्री को स्पष्टता से श्रेय दिया गया हो। यदि लेखक पहले से प्रकाशित कार्य या चित्रों का उपयोग करते हैं, तो उन्हें संबंधित कॉपीराइट धारक से अनुमति लेनी होगी और उपयुक्त संदर्भ देना होगा। इसके बिना सामग्री का उपयोग करना साहित्यिक चोरी में आता है ।
4. निष्पक्षता और पारदर्शिता:
• लेखक को समीक्षा प्रक्रिया के दौरान अपने स्वयं के पूर्व कार्य का उचित संदर्भ देना आवश्यक है, भले ही वह कार्य अनाम समीक्षकों के समक्ष प्रस्तुत हो। ऐसा करने से पारदर्शिता बनी रहती है, और समीक्षा प्रक्रिया निष्पक्ष रहती है।
5. दंड और परिणाम:
• यदि साहित्यिक चोरी की पुष्टि होती है, तो पांडुलिपि को अस्वीकार कर दिया जाता है, और आवश्यकता पड़ने पर लेखक को भविष्य में प्रकाशन से प्रतिबंधित भी किया जा सकता है। गंभीर मामलों में, लेखकों के संस्थानों को सूचित करने का भी प्रावधान है, जिससे संस्थान अपने स्तर पर आवश्यक कार्रवाई कर सकें ।
शोध संगम साहित्यिक चोरी के प्रति अत्यंत गंभीर है और उच्च गुणवत्ता वाले शोध प्रकाशन को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। यह नीति लेखकों को उच्च मानक पर कार्य करने के लिए प्रेरित करती है और सुनिश्चित करती है कि सभी सामग्री वास्तविक और सटीक हो, जिससे शोध संगम एक विश्वसनीय और प्रतिष्ठित मंच बना रहे।